Friday, August 13, 2010

देश तिरंगा स्वदेश तिरंगा,
मेरी जान तिरंगा, मेरी आन तिरंगा,
और मेरा स्वाभिमान तिरंगा!!




शर्मिंदा हूँ अपने आप से,
मेरा हिन्दुस्तान रो रहा है,
के मैं कुछ न कर सका,
दो शब्द लिखने के सिवा!!

आज देश को आजाद हुए ६४ वर्ष हो चुके है! लेकिन आज भी हम उसी मोड़ पर खड़े है!जब हमारे पूर्वजो ने आजादी में नए जीवन की कामना की थी!
यू कहे तो जीवन निरर्थक है हम खुद अपने ही बनाए चक्र्व्हू मैं फसते जा रहे है! ६४ वर्ष हो गए हमें आजाद हुए! ६४ वर्षो में हमने तर्रकी की मगर उसका कोई फायदा नहीं, इस देश में भ्रस्टाचार इतना फ़ैल चूका है! जैसे “प्रदुषण या महामारी”! नेता सत्ता में आने के लिए एक दुसरे की टाँगे खीचने में लगे रहते हैं! उन्होने सत्ता में आने के लिए राजनीती को अखाड़ा बना रखा हैं! आम आदमी की जिन्दगी दब कर रह गयी है हमारा देश कर्जे में डूबा पड़ा हैं, बहुत से लोगो को दो वक़्त का खाना नसीब नहीं होता! हमारे देश में लगभग ६०% लोग बे रोज़गार हैं, नेता इतनी बड़ी-२ बाते करते हैं उन्होंने करना कुछ नहीं! बस पैसा खाने का धंधा बना रखा हैं बगैर नमक मिर्च के! गरीबी के कारन छोटे -२ बचे सडको पर भीख मांगते फिरते है! गउएँ सडको पर पन्नी-कागज, कूड़ा - करकट खाती डोलती है! उन्हे काटा जाता है कितना बड़ा पाप है, वैसे तो किसी को अधिकार नहीं किसी की हत्या करने का- फिर क्यों ऐसा हो रहा हैं! इन सब पर कब रोक लगेगी!
विभ्हीं देशो ने कितनी तर्रक्की कर ली है हम अभी भी उनसे ५० वर्ष पिछड़े हैं! इसका कारण अपने देश में भ्रस्टाचार का होना!
आजादी के वक़्त सुभाष चन्द्र बोस जी ने कहा था "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा"
और आज के नेता तो ये छाती हैं तुम मुझे कुर्सी दो मैं तुम्हे गरीबी बेरोजगारी, और भ्रस्ट्ता दूंगा"
ये देश उस पैड की तरह है जो अन्दर से खोकला हो चूका है! नौकरियों के लिए घूस-दलाली छिक कर होती हैं! जो अच्छा अनुभवी है जिसके पास पैसे नहीं हैं वह एग्जाम दे-दे कर मर जाएगा! होगा कुछ नहीं, अगर कोई उस सिस्टम के खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो उसका मुह बंद कर दिया जाता हैं या तो पैसा या घूसा!!
हम बड़े गर्व से कहते हैं "मेरा भारत महान" मगर भैया अभी भी १०० में से निनाय्न्बे बेईमान" इस देश में ७०% नोजवान, यानी ३५ वर्ष की आयु से कम के लोग! अगर उनसे पुचा जाए की आपका लक्ष्य क्या है तो कोई कहता है डॉक्टर बनुगा, कोई कहता है इंजिनियर, सबकी आपनी अपनी सोच है कोई ये नहीं कहता की कोई ये नहीं कहता की मैं देश के लिए जिऊंगा और अच्छा नागरिक बनुगा!
इसी लिए तो देश इतना पिछड़ा हुआ! काश फिर से इस धरती पर वो राजगुरु, सुखदेव भक्तसिंग आ जाए! जो देश के लिए और देश के लिए मर मिटे!!! सुभाष चन्द्र जैसे नेता जो देश की आन के लिए कुर्बान हो गए! काश वो आज भी हमारे साथ होते, उन्हे याद करके आँखों में प्यार का सागर उमड़ आता हैं!
आज हर इंसान अपना दाव खेलने में लगा है सोचता नही की वक़्त की जो मार लग रही है
उसका अंजाम क्या होगा! अभी कुछ दिनों की बात है बोम्बे में ब्लास्ट हुए इसी तरह के ब्लास्ट
देश के जाने कितने कोने में हो चुके है! सैंकड़ो की जाने जा चुकी है सैंकड़ो अपनी जिन्दगी और मौत के बिच लड़ रहे हैं! "एक तो महगाई की मार, ऊपर से आतंकियों के हथियार"
“हम कहते है वन्दे मातरम पकिस्तान जैसा देश कहता है वन्दे बेशरम, बे करम”
जब तक हम एक जूट नहीं होंगे सभी को एक सामान नहीं समझेंगे तब तक कुछ नहीं होगा!
हमे एक होना होगा एकता में सबसे बड़ी सकती है! जात-पात भेद-भाव के खोखली नीतियों से ऊपर उठकर आगे आना होगा!
अगर इसी तरह चलता रहा तो पाकिस्तान जैसा देश अपने देश में इतनी गंद भर देगा! अब वक़्त भासण देने का नहीं एक जुट होने का है! हम अब भी होंस में नहीं आये तो कब ?? अब जवाब बातो से नहीं, लातों से देना होगा!


“दम घुट जाएगा ,
वक़्त लोट के फिर नहीं आएगा,
के तू संभल अ हिन्दुस्तान के नौजवान,
अब तो सीना तान के तू सामने आ,
के तेरे हाथो से फिर भारत माँ का दीप जल जाएगा,
अमन और शांति का तिरंगा फिर फराया जाएगा!!!”

सुनिए घर घर की कहानी,
महेश की जुबानी,
इस देश में है कितनी बेईमानी,
दोस्ती की बात न करो,
करते है यहाँ सब दुश्मनी,
फिर भी कहते है हम हिन्दुस्तानी!!
नेता कहते है सुनो मेरी जुबानी,
मैं हु आप सब का सैलानी,
मुझे बनाओ अपना नेता,
मैं हूँ तुम्हारा भाई हिन्दुस्तानी,
बनते ही नेता करते है अपनी मनमानी!!

इस लिए तो मेरा जमीर रो रहा है,
मेरे वतन की बस्तियों में गलत कुछ और हो रहा है,
बदलना होगा सबको,वर्ना लुट जाएगा सब कुछ,
के आज अपना मुक्कदर अपने हाथो खुद ही रो रहा है!!

इस देश में भ्रस्ट्ता जड़ से मिटानी होगी,
इस देश में आजादी फिर से लानी होगी,
भ्रसटाचारी को बताना होगा,
अब नहीं चलेगी तुम्हारी मन मानी,
जाग उठा हर हिन्दुस्तानी,
हम लायेंगे अमन और शान्ति,
अब नहीं चलेगी कोई बेईमानी,
बढ़ चुकी दिल में बेचैनी,
अब नहीं रही किसी से दुश्मनी,
कर ली है हमने सब से दोस्ती,
इस लिए हम गर्व से कहते है,
हम है हिन्दुस्तानी,
यह है मेरे देश की कहानी
महेश की जुबानी....
• अगर ये संकल्प मिलकर करे तो कुछ भी नामुमकिन नहीं.......

वक़्त भी लाख लगाएगा पहरा,
तेरी धडकनों को रोकेगा ना होने देगा सवेरा,
मगर तू होंसला न हारना,
जब तक मंजिल न मिले तुझे,
क्योंकि उस दिन वक़्त भी गुलाम बन जाएगा तेरा!!

कुछ पाना है तो साथ मिलकर चलो,
कुछ बोलने ने से पहले कदम उठ जाएगा तेरा,
जब निकल पड़ेंगे एक साथ,
न होगी मुस्किल कोई,
के फिर होगी तेरी हर शाम,
होगा हर सवेरा तेरा!!!!
जय हिंद, जय भारत....

2 comments:

  1. 100 me 80 beimaan phir bhi mera desh mahan. Thank you Mahesh very very thanks for think about country. I am proud of you. mai aasa karta hoon ki aapke es site ke madhyam se pure India ke log esse read kar jarur jagruk honge. aapne bahut bdhiya likha hai. esko read kar mai apne aap me apne desh par gorv karta hoon our assa karta hoon ki apne desh ke log ese read kar apne aap me gorv mahsoosh karenge.

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  2. ""JAY HIND""
    HAVE A GREAT INDEPENDENCE DAY
    ...Feel PROUD 2 B AN INDIA ........

    "HINDUSTHAN ZINDABAD"

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