Wednesday, June 15, 2011

||"माँ" मेरे जीवन का सम्पूर्ण अर्थ है||


"माँ"
मेरे जीवन का सम्पूर्ण अर्थ है "माँ"
तेरे बिना मेरा जीवन व्यर्थ है माँ ॥

मेरा विस्वास है संवेदना हैं अहसास है माँ,
तेरे सिवा कुछ भी नहीं तू सबसे ख़ास है माँ ॥

मेरे जीवन की धुप है तू ही छाँव है माँ,
गहरे अँधेरे में रौशनी का वास है माँ ॥

रोती हुई आँखों की हिल्लोर है माँ,
बूढी आँखों में उजियारा समेटे एक भोर है माँ ॥

झुलसते खयालो में कोयल की बोली है माँ,
कभी बिंदिया है कुमकुम है रोली है माँ ॥

कभी गंगा है जमुना है कभी सरस्वती है माँ,
मेरे हर दुःख दर्द में साथ चलती है माँ ॥

माँ रोटी है चूल्हा है हाथो का छाला है माँ,
जब गिरा हूँ तुने ही संभाला है माँ ॥

चाँद है सूरज है धरती है माँ,
जाने कितनी बार अपनों के लिए मरती है माँ ॥

झुलसती धुप में छाँव है माँ,
मेरी यादो में बैठा मेरा गाँव है माँ ॥

चोट लगे मुझको तो रोती है माँ,
अपना दर्द भूल मेरे लिए रातो को नहीं सोती है माँ ॥

तू दुनिया में न हो वो दिन कभी न आये माँ,
खुदा से है गुजारिश तू जब भी आवाज दे मुझको खड़ा पाए माँ ॥

मैं अपने जीवन की ये कविता "माँ" के नाम करता हूँ,
मैं “दुनिया” की हर "माँ" को सलाम करता हूँ ॥ 

4 comments:

  1. A word which say everything without saying anything is MAA...
    Great lines from Mr. Mahesh Yadav's heart which express feeling of everyone towards mother...MAA
    I really appreciate you dear.... keep it up

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  2. बहुत खूब लिखा है ... माँ ही माँ है हर तरफ ...
    नमन है माँ को ...

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  3. Touching lines...behtareen ....Maa tuzhe salam

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