"माँ"
मेरे जीवन का सम्पूर्ण अर्थ है "माँ"
तेरे बिना मेरा जीवन व्यर्थ है माँ ॥
मेरा विस्वास है संवेदना हैं अहसास है माँ,
तेरे सिवा कुछ भी नहीं तू सबसे ख़ास है माँ ॥
मेरे जीवन की धुप है तू ही छाँव है माँ,
गहरे अँधेरे में रौशनी का वास है माँ ॥
रोती हुई आँखों की हिल्लोर है माँ,
बूढी आँखों में उजियारा समेटे एक भोर है माँ ॥
झुलसते खयालो में कोयल की बोली है माँ,
कभी बिंदिया है कुमकुम है रोली है माँ ॥
कभी गंगा है जमुना है कभी सरस्वती है माँ,
मेरे हर दुःख दर्द में साथ चलती है माँ ॥
माँ रोटी है चूल्हा है हाथो का छाला है माँ,
जब गिरा हूँ तुने ही संभाला है माँ ॥
चाँद है सूरज है धरती है माँ,
जाने कितनी बार अपनों के लिए मरती है माँ ॥
झुलसती धुप में छाँव है माँ,
मेरी यादो में बैठा मेरा गाँव है माँ ॥
चोट लगे मुझको तो रोती है माँ,
अपना दर्द भूल मेरे लिए रातो को नहीं सोती है माँ ॥
तू दुनिया में न हो वो दिन कभी न आये माँ,
खुदा से है गुजारिश तू जब भी आवाज दे मुझको खड़ा पाए माँ ॥
मैं अपने जीवन की ये कविता "माँ" के नाम करता हूँ,
मैं “दुनिया” की हर "माँ" को सलाम करता हूँ ॥
A word which say everything without saying anything is MAA...
ReplyDeleteGreat lines from Mr. Mahesh Yadav's heart which express feeling of everyone towards mother...MAA
I really appreciate you dear.... keep it up
बहुत खूब लिखा है ... माँ ही माँ है हर तरफ ...
ReplyDeleteनमन है माँ को ...
thanks both of you...
ReplyDeleteTouching lines...behtareen ....Maa tuzhe salam
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